Sunday, June 28, 2015

"मन की बात ---पहले जनता की आवाज "


आज हमारे नरेंद्र मोदी फिर "मन की बात" करने जा रहे हैं। पर मेरे मन भी कुछ बात आ रही है वो मैं आपको चंद पंक्तियों के जरिये सुनाना चाह रहा हूँ। पता नहीं ये सरकार तक पहुंचे या नहीं पर आप तक तो अवश्य पहुँचा सकता हूँ।


बिना सुने तुम जन की बात , करते हो तुम अपने "मन की बात " ,
नारा देकर अच्छे दिन का, भूल गए तुम करना विकास ;

जनता जब कुछ पूछती है, मौनव्रत अपनाते हो ,
राजे धर्म के चक्कर में, राज धर्म भूल जाते हो ;

तुम्हारे आँगन की तुलसी पर भी उठ रहे कई सवाल,
सुषमा पर हो रहे हैं बहुत बड़े-बड़े विवाद ;

 अब भी तुम उनके साथ खड़े हो , अपनी ही बातों पर अड़े हो ;
जनता से वो बोलो तुम, जनता चाहती है जवाब ;

वक्त निकलता जा रहा है, पर नहीं मिट रहा है भ्रस्टाचार ,
देकर तुम सिर्फ अपनों का साथ , कैसे करोगे सबका विकास ;

वोट मांगने जब जाते थे, सबको तुम बहुत भाते थे ,
अच्छे दिन का नारा देकर , जनता के दिल में घुस जाते थे ;

अब भी नहीं अगर समझ पाये तो , टूटेगा फिर जनता का विश्वास,
टूट गया जो ये विश्वास, छूठ जाएगा फिर जनता का साथ ;

'मन की बात' करने से पहले  , सुन लो पहले जनता की आवाज ;
नहीं समझे अब भी तो , मन में ही करते रहना फिर ये जो है 'मन की बात'।। 

                                                                                (शशिकांत )


                               जय हिन्द !!!!!!!
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